.
Introduction of Raags (Part - II)
This book is complete book of Theory and Practical for students of class 11th and 12th who are appearing through english medium in ISC Board, CBSE Board, U.P. Board and equivalent examinations. It also covers syllabus or Prayag Sangit Samiti Allahabad, A.B. Gandharva Mahavidylaya Mandal Mumbai and Pracheen Kala Kendra Chandigarh for third and fourth years.
This book is complete book of Theory and Practical for students of class 11th and 12th who are appearing through english medium in ISC Board, CBSE Board, U.P. Board and equivalent examinations. It also covers syllabus or Prayag Sangit Samiti Allahabad, A.B. Gandharva Mahavidylaya Mandal Mumbai and Pracheen Kala Kendra Chandigarh for third and fourth years.
Related Books
The Best Quality Books
Search
.
स्वर वादन भाग-1
वर्तमान में बाजार में उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत की अनेक पुस्तकें उपलब्ध है। उपलब्ध पुस्तकों में क्रियात्मक भाग में गायन और वादन शैलियों की भिन्नता को ध्यान में नहीं रक्खा गया है, जबकि वास्तव में गायन और वादन शैलियाँ भिन्न-भिन्न होती है। वादन शैली में मसीतखानी गत, रज़ाखानी गत, झाला एवं धुन होती है जो कि दोनों शैलियों में भिन्नता को दर्शाती है। ”स्वर वादन की शृंखला“ सितार, गिटार, हारमोनियम, कैसियो, बाँसुरी, सरोद, मैन्डोलिन, सारंगी आदि वाद्यों को ध्यान में रखकर लिखी गयी है।
वर्तमान में बाजार में उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत की अनेक पुस्तकें उपलब्ध है। उपलब्ध पुस्तकों में क्रियात्मक भाग में गायन और वादन शैलियों की भिन्नता को ध्यान में नहीं रक्खा गया है, जबकि वास्तव में गायन और वादन शैलियाँ भिन्न-भिन्न होती है। वादन शैली में मसीतखानी गत, रज़ाखानी गत, झाला एवं धुन होती है जो कि दोनों शैलियों में भिन्नता को दर्शाती है। ”स्वर वादन की शृंखला“ सितार, गिटार, हारमोनियम, कैसियो, बाँसुरी, सरोद, मैन्डोलिन, सारंगी आदि वाद्यों को ध्यान में रखकर लिखी गयी है। इसमें रागों का संक्षिप्त परिचय, आरोह-अवरोह, पकड़, न्यास, आलाप, मसीतखानी गत, उसकी ताने, रज़ाखानी गत, उसकी ताने एवं झाला लिखा गया है।
इस पुस्तक में रज़ाखानी गत तथा झाला चिकारी वाले वाद्यों के लिये तथा बिना चिकारी वाले वाद्यों के लिये अलग-अलग दिये गये है। ”स्वर वादन भाग-1“ में कक्षा 9 एवं 10 के ICSE,CBSE बोर्ड एवं समकक्ष अन्य बोर्डो के समस्त राग तथा प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद, अखिल भारतीय गंर्धव महाविद्यालय मण्डल मुम्बई एवं प्राचीन कला केन्द्र चण्डीगढ़ के प्रथम दो वर्षों के पाठ्यक्रम के अनुसार राग दिये गये है। इस पुस्तक में सितार, गिटार, वायोलिन (बेला), मेंडोलिन, कीबोर्ड (कैसियो) तथा हारमोनियम का वर्णन, अभ्यास हेतु अलंकार तथा राग भैरव, राग अल्हैया बिलावल, राग काफी, राग भूपाली, राग कल्याण (यमन), राग भैरवी, राग आसावरी, राग विभास (भैरव थाट), राग वृन्दावनी सारंग, राग भीमपलासी, राग दुर्गा, राग देश, राग केदार, राग बागेश्री, राग बिहाग, राग मालकौंस, राग खमाज, राग तिलक-कामोद, राग जौनपुरी, राग तिलंग, राग पीलू की धुन, राग खमाज की धुन, राग भरैवी की धुन, राग तिलंग की धुन तथा उपरोक्त 20 रागों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है।