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स्वर वादन भाग-3
यह पुस्तक संगीत प्रभाकर, संगीत विशारद विश्व विद्यालय के बी.ए. तथा इनके समकक्ष परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी है। यह पुस्तक हारमोनियम, गिटार, सितार, कैसियो, वोयलिन, बाँसुरी, सरोद, सारंगी, मेन्डोलिन आदि वाधों के लिए सवेत्रिम पुस्तक है। इस पुस्तक में राग ललित, राग रागेदत्री, राग मियाँ मल्हार, राग दरबारी कान्हड़ा, राग रानकली, राग बसन्त, राग परज, राग शुद्ध कल्याण, राग पूरिया कल्याण, राग गुद्ध सारंग, राग मधमाद सारंग, राग छायानट, राग पूरिया, धनाश्री, राग गौड़ मल्हार, राग मालगंुजी, राग अड़ाना, राग सिन्दूरा, राग हंस ध्वनि, राग कलावती, राग नन्द, राग मारू, बिहाग, राग चन्द्र कौंग, राग जोग, राग गोरख कल्याण, राग विलासखानों तोड़ी, राग पूरिया, राग देशी, राग श्री, राग विभास, राग काफी की धुन तथा ताल वर्णन दिया गया है। प्रत्येक राग का परिचय आरोह-अवरोह, पकड़, न्यास के स्वर, समप्रकृति राग, विशेष स्वर संगतियाँ, आलाप मसीत खानी गत, की ताने, रज़ाखानी गत, रज़ाखानी गत की ताने, स्थाई की तिहाई एवं झाला दिया गया है।
यह पुस्तक संगीत प्रभाकर, संगीत विशारद विश्व विद्यालय के बी.ए. तथा इनके समकक्ष परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी है। यह पुस्तक हारमोनियम, गिटार, सितार, कैसियो, वोयलिन, बाँसुरी, सरोद, सारंगी, मेन्डोलिन आदि वाधों के लिए सवेत्रिम पुस्तक है। इस पुस्तक में राग ललित, राग रागेदत्री, राग मियाँ मल्हार, राग दरबारी कान्हड़ा, राग रानकली, राग बसन्त, राग परज, राग शुद्ध कल्याण, राग पूरिया कल्याण, राग गुद्ध सारंग, राग मधमाद सारंग, राग छायानट, राग पूरिया, धनाश्री, राग गौड़ मल्हार, राग मालगंुजी, राग अड़ाना, राग सिन्दूरा, राग हंस ध्वनि, राग कलावती, राग नन्द, राग मारू, बिहाग, राग चन्द्र कौंग, राग जोग, राग गोरख कल्याण, राग विलासखानों तोड़ी, राग पूरिया, राग देशी, राग श्री, राग विभास, राग काफी की धुन तथा ताल वर्णन दिया गया है। प्रत्येक राग का परिचय आरोह-अवरोह, पकड़, न्यास के स्वर, समप्रकृति राग, विशेष स्वर संगतियाँ, आलाप मसीत खानी गत, की ताने, रज़ाखानी गत, रज़ाखानी गत की ताने, स्थाई की तिहाई एवं झाला दिया गया है।