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भातखंडे स्वरलिपि संग्रह भाग-3
यह पुस्तक विश्वविद्यालयों के बी.एस. संगीत प्रभाकर संगीत विशारद एवं अन्य समकक्ष परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी है। इसमें पं0 भांतखंडे द्वारा रचित घरानेदार गीतों की स्वरलिपियाँ दी गयी हैं। सम्पादक ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए रागों का राग विवरण आरोह-अवरोह, पकड़, न्यास के स्वर, समप्रकृति राग विशेष स्वर संगतियाँ, मुक्त आलाप, 8 मात्रा का तालबहु आलाप, 16 मात्रा का तालबहु आलाप, 8 माला की ताने, तथा 16 मात्रा की तानें रचना कर लिखी गयी हैं।
यह पुस्तक विश्वविद्यालयों के बी.एस. संगीत प्रभाकर संगीत विशारद एवं अन्य समकक्ष परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी है। इसमें पं0 भांतखंडे द्वारा रचित घरानेदार गीतों की स्वरलिपियाँ दी गयी हैं। सम्पादक ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए रागों का राग विवरण आरोह-अवरोह, पकड़, न्यास के स्वर, समप्रकृति राग विशेष स्वर संगतियाँ, मुक्त आलाप, 8 मात्रा का तालबहु आलाप, 16 मात्रा का तालबहु आलाप, 8 माला की ताने, तथा 16 मात्रा की तानें रचना कर लिखी गयी हैं।
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